पतंजलि का दावा है कि कंपनी के आयुर्वेद का दीर्घकालिक विजन न केवल स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है, बल्कि यह देश के बड़े विकास लक्ष्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है. पतंजलि राष्ट्रवाद, आयुर्वेद और योग को अपनी नींव मानकर एक स्वस्थ समाज और मजबूत देश बनाने का संकल्प ले चुका है. इसका मिशन स्पष्ट है- भारत को आयुर्वेद के विकास के लिए आदर्श स्थान बनाना और दुनिया के लिए एक मॉडल प्रस्तुत करना. पतंजलि का कहना है कि यह विजन ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी सरकारी योजनाओं से सीधे तालमेल खाता है, जहां स्थानीय उत्पादन और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
ग्रामीण सशक्तिकरण पर जोर देती हैं योजनाएं- पतंजलि
पतंजलि का दावा है, ”कंपनी की योजनाएं ग्रामीण सशक्तिकरण पर जोर देती हैं. कंपनी स्थानीय किसानों और जड़ी-बूटी उत्पादकों को समर्थन देकर जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है. इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है. उदाहरण के लिए, पतंजलि के उत्पादों के लिए कच्चे माल स्थानीय स्तर पर ही खरीदे जाते हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बल देता है. कंपनी की नई उत्पाद लाइनों में स्वास्थ्य सप्लीमेंट्स, जैविक भोजन और हर्बल दवाएं शामिल हैं, जो स्वास्थ्य सुरक्षा के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करती हैं. महामारी के बाद स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है और पतंजलि योग और आयुर्वेद के माध्यम से प्राकृतिक उपचार को बढ़ावा देकर लोगों को रोगों से बचाने का काम कर रही है.”
पतंजलि ने बताया, ”स्वामी रामदेव का विजन पांच क्रांतियों पर आधारित है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएंगे. ये क्रांतियां भारतीय मूल्यों जैसे सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक नेतृत्व को वैश्विक मंच पर ले जाएंगी.”
पहली- योग क्रांति, पहले ही सफल हो चुकी है, जो दुनिया भर में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को बढ़ावा दे रही है.
दूसरी- पंचकर्म क्रांति, आयुर्वेदिक डिटॉक्सिफिकेशन पर फोकस करेगी, जो अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से लड़ने में मदद करेगी.
तीसरी- शिक्षा क्रांति, वेदों और सनातन धर्म को आधुनिक ज्ञान से जोड़कर 5 लाख स्कूलों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ेगी.
चौथी- स्वास्थ्य क्रांति, 5,000 से अधिक रिसर्चर्स के साथ प्राकृतिक चिकित्सा में नवाचार लाएगी.
और पांचवीं- आर्थिक क्रांति, स्वदेशी उत्पादों से 1 लाख करोड़ रुपये का मूल्य सृजन करेगी.
5 ट्रिलियन रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन का लक्ष्य- पतंजलि
पतंजलि ने बताया है, ”साल 2027 तक चार कंपनियों को लिस्ट करने और 5 ट्रिलियन रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन का लक्ष्य रख रही है. यह रिसर्च एंड डेवलपमेंट में निवेश, टेक्नोलॉजी एकीकरण और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार से संभव होगा. अमेरिका, यूरोप और एशिया में निर्यात बढ़ाकर आयुर्वेद को वैश्विक बनाना इसका हिस्सा है. सस्टेनेबल पैकेजिंग और इको-फ्रेंडली प्रोडक्शन से पर्यावरण लक्ष्यों का पालन हो रहा है. स्वास्थ्य जागरूकता कैंप और सस्ती चिकित्सा सेवाओं से समुदायों को जोड़ा जा रहा है.”
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