Diwali 2025: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का रहस्य! धन नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी विवेक की भी देवी!

Diwali 2025: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का रहस्य! धन नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी विवेक की भी देवी!


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Diwali 2025: आज दीपावली की खुशियों में पूरा देश रोशनी से चमक रहा है. यह पर्व केवल रोशनी और सजावट का नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्व है.

इस दिन लक्ष्मी पूजन केवल धन प्राप्ति के लिए नहीं किया जाता, बल्कि यह मानव जीवन में सकारात्मकता, शांति और ज्ञान के प्रकाश को स्थापित करने के लिए किया जाता है.  

मां लक्ष्मी का वर्णन

वेदों में जिस लक्ष्मी का वर्णन किया गया है, वह तिजोरियों में बंद सोना-चांदी नहीं है, बल्कि भगवान नारायण की प्रिय श्री निधि लक्ष्मी हैं. जो समृद्धि के साथ-साथ शीतलता, विवेक और संतुलन की भी प्रतीक मानी जाती हैं.

लक्ष्मी जी का वास्तविक स्वरूप धन-संपत्ति से कहीं अधिक गहरा और विशाल है. वह केवल धन ही नहीं, बल्कि गुण, संस्कार, पवित्रता और विवेक की भी देवी हैं.

धरती की बेटी के भाई हैं दीपक 

दीपावली पर घरों में दीप प्रज्वलित करने का भी अपना एक महत्व है. मिट्टी से बने ये दीपक धरती की बेटी मां जानकी के भ्राता के रूप में जाने जाते हैं. जब ये दीपक जलते हैं तब तारामंडल की रोशनी भी फीकी पड़ जाती है.

दीपक का यह प्रकाश अंधकार को तो दूर करता ही है, बल्कि आशा व विश्वास का वातावरण भी बनाता है. यह घरों को रोशनी के साथ-साथ भीतर के अंधकार, जैसे नकारात्मक विचार, आलस्य, असत्य और भ्रम को भी मिटाने का संदेश भी देता है.

पूजा की विधियां केवल परंपरा नहीं

इस दिन बनाए जाने वाले रंगोली, दीपों की पंक्तियाँ और पूजा की विधियां केवल परंपरा भर नहीं हैं. इन सबके पीछे एक सुंदर अर्थ छिपा है. जो मन, वाणी और कर्म में एकता स्थापित करना चहता है. जब हम अपने घरों को स्वच्छ, व्यवस्थित और प्रकाशित करते हैं, तो हम वास्तव में अपने अंदर के भावों को भी पवित्र करते हैं.

यही आंतरिक स्वच्छता और प्रकाश मां लक्ष्मी को आकर्षित करता है.

दीपों की पंक्तियां का अर्थ

अमावस्या की रात्रि जब लोग तारों से हीन रहते हैं, तब दीपों की पंक्तियाँ अंधकार को दूर करते हुए एक दिव्य प्रकाश फैलाती हैं. यह प्रकाश हमें याद दिलाता है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, एक छोटी सी लौ भी उसे दूर करने में सक्षम होती है.

हमें दीवाली से आंतरिक प्रकाश को जगाना, सकारात्मकता को अपनाना और समृद्धि का मार्ग खोलना का संदेश मिलता है. 

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