
पहला लक्षण है पेट का भारीपन या सूजन. जब आप बिस्तर पर लेटते हैं और पेट में भरा-भरा या दबाव जैसा महसूस होता है, तो यह लिवर में इंफ्लेमेशन का संकेत हो सकता है. कई बार लोग इसे गैस या अपच समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह लीवर की गंभीर बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकता है.

दूसरा लक्षण है पैरों और गुल्फ में सूजन. अगर रात में लेटते वक्त पैरों में सूजन आ जाती है और सुबह उठने पर भी यह बनी रहती है, तो इसे इग्नोर करना गलत है. यह लिवर की क्षमता कमजोर होने और बॉडी में फ्लुइड रिटेंशन का संकेत है.

तीसरा लक्षण है स्किन और आंखों का पीला पड़ना. जब लिवर सही से काम नहीं करता तो शरीर में बिलीरुबिन बढ़ने लगता है. इसके कारण आंखों का सफेद हिस्सा और स्किन पीली हो जाती है. यही नहीं, यूरिन का रंग भी गहरा होने लगता है. यह जॉन्डिस का साफ संकेत है.

चौथा लक्षण है ज्यादा थकान और कमजोरी. कई बार लोग सोने के बाद भी थका-थका महसूस करते हैं या दिमाग सुस्त लगता है. इसे ब्रेन फॉग भी कहा जाता है. यह लिवर डिजीज का एक छिपा हुआ संकेत है, जिसे अक्सर लोग हल्के में ले लेते हैं.

पांचवां लक्षण है पेट में फ्लुइड जमा होना यानी एस्काइटिस. जब लिवर बुरी तरह प्रभावित होता है तो पेट के अंदर तरल भरने लगता है. इससे बिस्तर पर लेटते समय सांस लेने में तकलीफ और असामान्य भारीपन महसूस होता है. यह लिवर डिजीज का एडवांस स्टेज का लक्षण है.

अगर इन लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए और डॉक्टर से सलाह ली जाए तो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक है, क्योंकि लिवर डिजीज अक्सर चुपचाप बढ़ती है और बाद में जानलेवा भी साबित हो सकती है.
Published at : 20 Oct 2025 05:56 PM (IST)