हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि अगर हमें कोई बड़ी बीमारी नहीं है. जैसे कि हार्ट अटैक, डायबिटीज या किडनी की समस्या, तो हम पूरी तरह से हेल्दी हैं. लेकिन हाल ही में हुए एक बड़े अमेरिकी अध्ययन ने इस सोच को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है. 2025 में PLOS मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में हर 10 में से 9 लोगों में एक नई तरह की स्वास्थ्य समस्या के कम से कम एक लक्षण पाए गए, जिसे CKM सिंड्रोम कहा जाता है.
यह सिंड्रोम कोई एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई बीमारियों का मिलाजुला असर है. जिसमें दिल की बीमारियां, किडनी की समस्याएं और मेटाबॉलिक गड़बड़ी शामिल हैं. इसका मतलब है कि शरीर में अगर दिल, किडनी और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कोई भी गड़बड़ी है, तो वह धीरे-धीरे एक दूसरे को और खराब करती है और कई बार ये दिक्कतें बिना लक्षणों के शुरू हो जाती हैं. तो चलिए जानते हैं कि 10 में से 9 लोगों को होने वाला CKM सिंड्रोम क्या होता है और यह आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचाता है.
CKM सिंड्रोम क्या है और ये क्यों खतरनाक है?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) ने 2023 में CKM सिंड्रोम को एक नाम दिया और इसे एक नया स्वास्थ्य मॉडल माना, इसका मकसद यह समझाना था कि मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और किडनी की खराबी अकेले काम नहीं करते, बल्कि मिलकर पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. इसे 5 स्टेज में बांटा गया है, जिसमें पहला स्टेज कोई भी जोखिम नहीं, दूसरा स्टेज शरीर में एक्सट्रा फैट, तीसरा हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर या किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट, चौथा दिल की बीमारी का खतरा या छिपी हुई बीमारी और पांचवा दिल की बीमारी, मेटाबॉलिक या किडनी से जुड़ी और समस्याएं.
यह सिंड्रोम इतना खतरनाक इसलिए है क्योंकि इसकी बीमारियां एक-दूसरे को तेजी से बढ़ावा देती हैं. एक रिसर्च के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति में एक से ज्यादा CKM फैक्टर हों, तो उसकी मृत्यु का खतरा 22 प्रतिशत तक और दिल से जुड़ी मौत का खतरा 37 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
CKM सिंड्रोम आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचाता है
आज की बदलती लाइफस्टाइल CKM सिंड्रोम को बढ़ावा दे रही है. लोग कम चलते हैं, बाहर का तला-भुना खाते हैं, तनाव में रहते हैं, कम नींद लेते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते है. यह सब धीरे-धीरे शरीर में अंदरूनी बदलाव लाता है. शुरुआत में कुछ महसूस नहीं होता, लेकिन धीरे-धीरे दिल, किडनी और ब्लड शुगर पर असर दिखने लगता है. ऐसे में अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो CKM सिंड्रोम की वजह से सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल होना, इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज, अचानक हार्ट फेलियर या कार्डियक अरेस्ट, शरीर में सूजन, कमजोरी और थकान, बार-बार हॉस्पिटल जाना और लाइफ की क्वालिटी में गिरावट, CKM सिंड्रोम की वजह से हो सकते हैं.
CKM सिंड्रोम के लक्षण और बचाव
आपका शरीर आपको कई बार संकेत देता है, जैसे पेट के आस-पास चर्बी बढ़ना, ब्लड प्रेशर का बढ़ना, थकान या आलस रहना, ब्लड शुगर का थोड़ा-थोड़ा बढ़ते रहना, टखनों में सूजन, नींद की गड़बड़ी और तनाव में लगातार रहना, अगर इन लक्षणों में से कोई भी आपके साथ है, तो हो सकता है आप पहले से ही CKM सिंड्रोम के किसी स्टेज में हों. ऐसे में इससे बचने के लिए आप हर दिन कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, सीढ़ियां चढ़ना या हल्का योग करना शुरू करें, यह आपकी ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और वजन तीनों को बैलेंस रखेगा.
इसके अलावा ज्यादा फल-सब्जियां, साबुत अनाज, और दालें खाएं. फास्ट फूड, चीनी, और तले-भुने खाने से दूरी बनाएं. मेडिटेरियन डाइट और DASH डाइट अपनाएं. कमर का साइज CKM सिंड्रोम का बड़ा संकेत है. अगर पेट बाहर निकल रहा है, तो सावधान हो जाएं. हर 6 महीने में ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, क्रिएटिनिन और यूरिन टेस्ट करवाना शुरू करें. रोज 7-8 घंटे की नींद और मेंटल बैलेंस बहुत जरूरी है. मेडिटेशन, संगीत या योग तनाव को कम कर सकते हैं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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