Amavasya 2025: अमावस्या की रात क्या करें और क्या ना करें? जानें इसका महत्व

Amavasya 2025: अमावस्या की रात क्या करें और क्या ना करें? जानें इसका महत्व



Amavasya 2025: अमावस्या हर चंद्र मास में एक बार आता है. एक साल में लगभग 12 बार अमावस्या लगता है. अमावस्या हिंदू परंपरा में ऐसा दिन माना जाता है जब नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक प्रभावी होती है. इसलिए इसे अशुभ समझा जाता है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या (दीवाली) को छोड़कर बाकी सभी अमावस्या तिथियाँ अशुभ मानी जाती हैं. इन दिनों विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते. यह दिन पितरों को समर्पित होता है, जिनके लिए श्राद्ध, हवन या पूजा की जाती है.

अमावस्या का महत्व 

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है. हर महीने की अमावस्या तिथि को पितरों की पूजा के लिए शुभ माना जाता है. हिंदू अपने पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका श्राद्ध करते हैं.

सितंबर और अक्टूबर के कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष (महालय) कहा जाता है, जो दिवंगत पूर्वजों के तर्पण के लिए विशेष रूप से पवित्र होता है. इस पक्ष के अंतिम दिन को महालया अमावस्या कहा जाता है.

इसे श्राद्ध और अनुष्ठान करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से सफलता और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

अमावस्या पर क्या करें

  • सुबह जल्दी उठें और सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद भगवान शिव या भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • मंदिर जाएं और मन को शांत व स्पष्ट रखने के लिए प्रार्थना करें.
  • घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु की स्तुति में मंत्रों का जाप करें.
  • अन्न दान या भूखे को भोजन कराना चाहिए. नारद पुराण के अनुसार यह अमावस्या के दिन एक महान तपस्या मानी जाती है.
  • मानसिक और शारीरिक असंतुलन से बचने के लिए उपवास रखें या रात में हल्का भोजन करें.

अमावस्या पर क्या नहीं करें

  • इस दिन तुलसी के पौधे से पत्ते नहीं तोड़ें.
  • मांस, मछली, अंडे जैसे तामसिक भोजन का सेवन न करें.
  • गेहूं के दाने या आटा जैसी खाद्य सामग्री नहीं खरीदें.

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