पाकिस्तान में आतंकवाद का नया रूप सामने आया है जिसमें आतंकी संगठन अब महिलाओं को फिदायीन बना रहे हैं. नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कहा जा रहा है कि “मोदी और भारत हमारे दुश्मन हैं.” आजतक को मिली वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूह महिलाओं को सशक्तिकरण के नाम पर भर्ती और मानसिक रूप से तैयार कर रहे हैं.
ये सब क्या है, कैसे हुआ और क्यों हो रहा है? चलिए समझते हैं.
यह बदलाव भारत की ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है, जो पहलगाम नरसंहार के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकी संगठन अब महिलाओं और युवाओं को छुपे हुए सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक मंचों के ज़रिये अपने में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें साफ दिख रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) नाम का संगठन महिलाएं और लड़कियों को सशक्तिकरण का झांसा देकर अपने मिशन में शामिल कर रहा है. ये वीडियो AajTak ने देखा है.
सियालकोट में हो रही ट्रेनिंग में, अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़ महिलाओं को जिहाद के लिए तैयार करता दिख रहा है. वही हाफिज है जिसने पहले मरकज़-ए-तैयबा मुरीदके में आतंकियों की अंतिम नमाज़ पढ़वाई थी, और वह पाकिस्तान आर्मी के अधिकारियों की मौजूदगी में था. अब वह ऑनलाइन लाइव सेशन्स में महिलाओं को जिहादी ट्रेनिंग दे रहा है.
सिर्फ लड़ाई ही नहीं, बल्कि ये प्रशिक्षण महिलाओं को उनके घरों और स्कूलों में भी कट्टर विचार फैलाने के लिए तैयार करता है.
राजनीतिक और सामाजिक फ्रंट का खेल
LeT सिर्फ लड़ाई पर ही नहीं, राजनीति और सामाजिक मंचों का इस्तेमाल भी कर रहा है.
पीएमएमएल (पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग) – लश्कर का राजनीतिक चेहरा, जो चुनाव लड़कर अपने अलगाव को खत्म करता है.
MYL (मुस्लिम यूथ लीग) – युवाओं को वॉलेंटियर और सामाजिक कार्यों का निर्वहन करने के लिए भर्ती करता है.
MWL और MGL (मुस्लिम महिला लीग और मुस्लिम गर्ल्स लीग) – हाफ़िज़ सईद के परिवार की महिलाएं चलाती हैं. ये खुद को महिला संविधान का मंच कहते हैं, असल में लड़कियों को जिहाद के लिए तैयार करते हैं.
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एक क्लिप में इम्तियाज़ अहमद मक़्की, जो लश्कर से जुड़ा है, महिलाओं को संबोधित करते हुए कहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच जो लड़ाई है, वह सिर्फ़ दो देशों की नहीं है, बल्कि उनकी जमात की लड़ाई है. वे कहता है कि उनका असली दुश्मन प्रधानमंत्री मोदी और भारत हैं और जिहाद ही उनका मकसद है. मक़्की ने बताया कि मार्कज़-ए-तैयबा मुरिदके पर हमला इस बात का सबूत है कि यह समूह अपने राजनीतिक संगठन पाकिस्तान मर्क़ज़ी मुस्लिम लीग (PMML) के ज़रिये काम करता रहेगा.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 मुंबई हमलों के बाद भी चुपचाप अपनी राजनीतिक, शैक्षिक और सामाजिक नकाबपोश जाल बिछा रखा है. इसके तहत PMML, मुस्लिम यूथ लीग (MYL), मुस्लिम वीमेन लीग (MWL) और मुस्लिम गर्ल्स लीग (MGL) जैसे संगठन बनाए गए हैं. ये संगठन महिलाओं और युवाओं को जिहादी विचार सिखाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं, जबकि बाहर से ये सशक्तिकरण का दिखावा करते हैं.
असली तस्वीर
वीडियो और रिपोर्ट बताते हैं कि पाकिस्तान आर्मी और पुलिस भी इन ट्रेनिंग कार्यक्रमों में शामिल हैं. मरकज़-ए-तैयबा मुरीदके से लेकर सियालकोट का ट्रेनिंग सेंटर तक का पूरा ढांचा अब एक ऐसा “सामाजिक जिहादी सिस्टम” बन चुका है, जो राजनीति, धर्म और प्रचार को मिला कर खुद को टिकाने वाला नेटवर्क बनाता है.
कहानी का डरावना हिस्सा
हालांकि लश्कर-ए-तैयबा पर वैश्विक बैन है, फिर भी यह शिक्षा, राजनीति और धर्म को हथियार बनाकर अपने असर को फैला रहा है. महिलाओं को सिर्फ लड़ने के लिए तैयार नहीं किया जा रहा, बल्कि उन्हें घरों, स्कूलों और समाज में कट्टर विचार फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा है. यानी ये जिहादी विचार धीरे‑धीरे आम लोगों के बीच भी पनपने लगेंगे.
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