Islam: इस्लाम में चचेरे भाई-बहन की शादी क्यों है जायज, क्या हैं नियम? जानें यहां!

Islam: इस्लाम में चचेरे भाई-बहन की शादी क्यों है जायज, क्या हैं नियम? जानें यहां!


Islam Marriage Rules: इस्लाम में सगे भाई-बहन के बीच शादी करने की इजाजत नहीं है. हालांकि चचेरे भाई-बहन से शादी करना इस्लामी शरिया के अनुसार जायज है. यह शादी पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने, परिवार की एकता बनाए रखने और सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए की जाती है.

यह रिवाज दुनिया के कई हिस्सों में आम है और अरबी, पाकिस्तान और मध्य पूर्वी देशों में इसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है, न कि यह सिर्फ मुस्लिम समुदाय तक सीमित है.

इस्लाम में सगी बहन से शादी करना क्यों मना है?
इस्लाम में सगी बहन से शादी मना है, क्योंकि यह कुरान और हदीस में स्पष्ट रूप से हराम (निषिद्ध) है और यह करीबी रिश्तेदारों (महरम) के बीच शादी पर पाबंदी लगाने वाले इस्लामी शरिया का उल्लंघन है.

इसके पीछे पारिवारिक संबंधों की पवित्रता और सद्भावना बनाए रखना है, ताकि परिवार के भीतर किसी भी तरह के यौन संबंधों या अनुचित व्यवहार को रोका जा सके. जो दुनिया के लगभग सभी धर्मों और समाजों में भी समान हैं.

इस्लाम में किन लोगों से शादी करना मना है
कुरान और हदीस के अनुसार कुछ रिश्तों में शादी करना हराम है, जैसे माता-पिता और बच्चे, सगे भाई-बहन, पिता के भाई या बहन, मां के भाई या बहन, भाई के बेटे या बेटी, बहन के बेटे या बेटी या बेटे के पत्नी से शादी करना हराम है. इसके अलावा किसी महिला के लिए मुस्लिम पुरुष के अलावा किसी से शादी करना जायज नहीं. 

इस्लाम में चचेरे भाई-बहन से शादी क्यों की जाती है?

समान रीति-रिवाज
चचेरे भाई-बहन के बीच शादी से नए जोड़े के रीति-रिवाज और खान-पान अक्सर एक जैसे होते हैं, जिससे उनके नए रिश्तों में सहजता और सामंजस्य बना रहता है.

पारिवारिक संबंध मजबूत करना
करीबी रिश्ते में शादी करने से परिवार के सदस्यों के बीच एक और मजबूत बंधन बनता है, जिससे परिवार में एकजुटता और प्रेम बढ़ता है.

महरम न होना
कुरान और हदीस में उन रिश्तों का उल्लेख है जिनसे शादी वर्जित (महरम). चचेरे भाई-बहन महरम के श्रेणी में नहीं आते हैं. इसलिए शरिया चचेरे भाई-बहन से शादी करने की इजाजत देता है. 

संपत्ति और विरासत का संरक्षण
यह रिवाज संपत्ति को बाहर जाने से रोकती है, जिससे पारिवारिक संपत्ति परिवार के भीतर ही बनी रहती है.

सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा
यह शादी सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा है जो परिवार को एकजुट रखने के लिए अपनाई जाती है.

इस्लामिक अनुमति
कुरान और हदीसों के आधार पर इस्लामिक शरीयत में चचेरे भाई बहनों से शादी करने की इजाजत है, जिससे यह धर्म के अनुसार जायज माना जाता है.

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