mann kya karega movie review vyom sachi bindra love story | फिल्म रिव्यू- मन्नू क्या करेगा?: ‘सैयारा’ के बाद नई लव स्टोरी, व्योम-साची बिंद्रा की जोड़ी ने जमाया रंग, प्यार-झूठ और मकसद खोजने की जर्नी

mann kya karega movie review vyom sachi bindra love story | फिल्म रिव्यू- मन्नू क्या करेगा?: ‘सैयारा’ के बाद नई लव स्टोरी, व्योम-साची बिंद्रा की जोड़ी ने जमाया रंग, प्यार-झूठ और मकसद खोजने की जर्नी


38 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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फिल्म 'मन्नू क्या करेगा?' क्यूरियस आई फिल्म्स के बैनर तले बनी है। - Dainik Bhaskar

फिल्म ‘मन्नू क्या करेगा?’ क्यूरियस आई फिल्म्स के बैनर तले बनी है।

शरद मेहरा द्वारा निर्मित फिल्म ‘मन्नू क्या करेगा?’ कम बजट में एक बड़ा मैसेज देती है। यह इस बात का सबूत है कि जब इरादा साफ हो, तो छोटी कहानियां भी बड़ी बात कह जाती हैं। हाल ही में युवाओं की रोमांटिक फिल्म ‘सैयारा’ को अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और कई मायनों में ‘मन्नू क्या करेगा?’ की तुलना भी उससे की जा रही है।

फिल्म की कहानी

कहानी देहरादून की पृष्ठभूमि में बसे मन्नू (व्योम) की है, जो हर काम में अच्छा है पर जिंदगी को लेकर उलझन में है। तभी उसकी मुलाकात होती है जिया (साची बिंद्रा) से, जो महत्वाकांक्षी और लक्ष्य-केन्द्रित है। मन्नू उसे प्रभावित करने के लिए ‘नथिंग’ नाम की फर्जी स्टार्ट-अप कंपनी खड़ी कर देता है। धीरे-धीरे झूठ का जाल बड़ा होता जाता है और उसका सच सामने आने पर रिश्ते, परिवार और खुद की उम्मीदें टूटने लगती हैं। इसी मोड़ पर प्रोफेसर डॉन (विनय पाठक) उसकी जिंदगी में आते हैं और ‘इकिगाई’ का रास्ता दिखाते हैं – यानी जिंदगी का असली मकसद खोजने की सीख।

फिल्म में मन्नू की भूमिका निभाने वाले व्योम यादव ने गार्गी और बधाई दो जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

फिल्म में मन्नू की भूमिका निभाने वाले व्योम यादव ने गार्गी और बधाई दो जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

फिल्म में एक्टिंग

व्योम ने मन्नू के किरदार को मासूमियत और आकर्षण के साथ निभाया है। साची बिंद्रा जिया के रोल में आत्मविश्वासी और परिपक्व दिखती हैं। कुमुद मिश्रा और चारू शंकर माता-पिता के रूप में संवेदनशील और असरदार लगे। विनय पाठक पूरी फिल्म की जान हैं, उनका ‘डॉन’ किरदार सबसे अलग और यादगार है। बृजेंद्र काला और राजेश कुमार जैसे कलाकारों ने भी माहौल को असली बना दिया।

फिल्म का डायरेक्शन व म्यूजिक

संजय त्रिपाठी का निर्देशन सादगी भरा है। फिल्म में कई छोटे-छोटे पल दिल छूते हैं – जैसे माता-पिता के साथ खामोश पल या दोस्तों के साथ हल्की-फुल्की बातें। संगीत में 9 गाने हैं, जिनमें ‘फना हुआ’ और ‘हुमनवा’ दिल पर असर छोड़ते हैं। हालांकि, मालिनी अवस्थी का गाना सबसे अलग लगता है। फिर भी एल्बम ऐसा नहीं है जिसे बार-बार सुना जाए।

फिल्म की कमियां

कुछ सीन लंबे लगते हैं, जिन्हें हटाया जाता तो फिल्म और क्रिस्प हो सकती थी। अंत भी थोड़ा जल्दबाजी में खत्म किया गया है, जिससे कहानी को सही क्लोजर नहीं मिलता।

फिल्म को क्यों देखें?

अगर आपको ‘वेक अप सिड’ जैसी युवाओं पर बनी कहानियां पसंद हैं या हाल की सैयारा ने आपको छुआ है, तो मन्नू क्या करेगा? भी जरूर देखी जा सकती है। यह फिल्म रोमांस और कॉमेडी के साथ-साथ जिंदगी का बड़ा संदेश देती है – असली मकसद वही है जो आपको खुद से जोड़ दे।

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