दिमाग हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है जो सोचने, याद रखने, महसूस करने और शरीर की हर गतिविधि को कंट्रोल करने का काम करता है. वहीं जब हमारे दिमाग में किसी वजह से असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती है तो उसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. यह किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है और इसके प्रभाव सिर्फ फिजिकल ही नहीं बल्कि मेंटल और इमोशनल तौर पर भी गहरे होते हैं.
आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला प्राइमरी ट्यूमर होता है जो सीधे दिमाग या उसके आसपास की संरचनाओं में बनता है और दूसरा सेकेंडरी या मेटास्टैटिक टयूमर होता है जो शरीर के अन्य हिस्सों से दिमाग तक फैला है. कई बार ब्रेन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं. वहीं कुछ ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं और लक्षण अचानक दिखाई देते हैं इसलिए शरीर में दिख रहे छोटे से लक्षणों को भी गंभीरता से लेना जरूरी होता है, क्योंकि समय पर पहचान और इलाज से ब्रेन ट्यूमर से बचा जा सकता है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उसके स्थान आकार और प्रकार पर निर्भर करते हैं. इसकी शुरुआती लक्षणों में लगातार तेज सिर दर्द, सुबह उठने पर सिर में दबाव, मतली या उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती है. इसके अलावा आंखों की समस्या जैसे धुंधला दिखाई देना, दोहरा दिखाई देना या दृष्टि कमजोर होना भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है. वहीं हाथ-पैर में कमजोरी, संतुलन की समस्या, बोलने-सुनने में कठिनाई, थकान, स्मृति में कमी और आपकी पर्सनालिटी में भी बदलाव उसके लक्षण हो सकते हैं. बिना कैंसर वाले ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और लक्षण समय के साथ सामने आते हैं, जबकि कैंसर वाले ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं और लक्षण अचानक दिखाई दे सकते हैं.
धीरे-धीरे दिखने वाले साइलेंट लक्षण
कुछ ब्रेन ट्यूमर इतने छोटे होते हैं कि उन्हें नजरअंदाज किया जा सकता है. इन संकेतों में स्मृति और ध्यान केंद्रित करने में समस्या, व्यवहार में बदलाव, हल्की बोलने में कठिनाई, गंध या स्वाद की क्षमता में कमी, नींद की अनियमितता, धीरे-धीरे दृष्टि में बदलाव, हाथ पैर में हल्की झुनझुनी या सुन्नपन और हल्के लेकिन लगातार सिर दर्द शामिल होते हैं. वहीं एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह संकेत आम स्वास्थ्य समस्याओं से मिलते जुलते लग सकते हैं, इसलिए अगर यह लगातार बढ़ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर का इलाज भी ट्यूमर के प्रकार, आकार और जगह पर निर्भर करता है. इसमें आमतौर पर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी शामिल होती है. इसके अलावा इम्यूनोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी और सहायक देखभाल भी मरीज की जीवन गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार सही और समय पर इलाज से ब्रेन ट्यूमर के गंभीर परिणामों को काफी हद तक रोका जा सकता है. इसके अलावा एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि सिर दर्द, दृष्टि में बदलाव, संतुलन की समस्या या अचानक दौरे जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
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