Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति और जीवन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी दिन है. इस दिन सच्चे मन से पूजा और दान-पुण्य करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की कृपा सीलों भर बनी रहती है.
गोवर्धन पर्वत का निर्माण करें, गोबर या मिट्टी से गोवर्धन पर्वत बनाएं और उसे फूलों, दीपों और भोग से सजाएं, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग या विभिन्न व्यंजन अर्पित करें. यह अन्नकूट पर्व का मुख्य भाग है. गोवर्धन पूजा के दिन गौमाता की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है.
गाय को गुड़-चना खिलाएं और आशीर्वाद लें. दीप जलाएं और दान भी करें. शाम के समय घर, आंगन और मंदिर में दीपक जलाएं. साथ ही जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें. पूरे परिवार के साथ पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
गोवर्धन पूजा के दिन क्या नहीं करें?
गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा को पैर न लगाएं, परिवार में क्लेश या अपशब्दों से बचें. यह दिन शांति और आभार का प्रतीक है. भोजन व्यर्थ न जाने दें, क्योंकि अन्नकूट का अर्थ ही अन्न की महिमा से जुड़ा है. गोमाता या किसी भी जानवर को चोट नुकसान न पहुंचाएं.
किसी से कर्ज न लें या किसी के साथ कठोर व्यवहार न करें, गोवर्धन पूजा खुली जगह या आंगन में करनी चाहिए. बंद कमरे में पूजा करने से ऊर्जा का संचार बाधित होता है और पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.
FAQ
क्या गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा जरूरी है?
हाँ, गाय पूजन इस दिन का महत्वपूर्ण भाग है. गौमाता की सेवा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है.
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट में क्या अंतर है?
दोनों एक ही पर्व के नाम हैं. “गोवर्धन पूजा” भगवान कृष्ण की आराधना है और “अन्नकूट” उस दिन भगवान को अर्पित किए जाने वाले अन्न-पर्वत का प्रतीक है.
क्या गोवर्धन पूजा के दिन घर में दीप जलाना जरूरी है?
हाँ, शाम के समय घर और मंदिर में दीपक जलाना शुभ माना गया है. यह सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है.
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