सरसों का तेल भारतीय घरों में रसोई का जरूरी हिस्सा है. ये अपने स्वाद, खुशबू और सेहतमंद फायदों के लिए जाना जाता है. लेकिन बाजार में मिलने वाला हर सरसों का तेल शुद्ध नहीं होता. अक्सर इसमें सस्ते तेल या सिंथेटिक चीजों की मिलावट की जाती है, जो खाने का स्वाद बिगाड़ सकती है और सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकती है. हालांकि ये पता करना मुश्किल लगता है कि तेल असली है या नहीं, लेकिन कुछ आसान और असरदार घरेलू तरीके हैं, जिनकी मदद से आप खाना बनाने से पहले सरसों के तेल की शुद्धता टेस्ट कर सकते हैं.
1. फ्रीजिंग टेस्ट: सरसों के तेल की शुद्धता जांचने का आसान तरीका फ्रीजिंग टेस्ट है. ये टेस्ट करने के लिए एक कटोरी में थोड़ा सा सरसों का तेल लें और इसे कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखें. शुद्ध सरसों का तेल लिक्विड ही रहेगा या उसमें बहुत कम बदलाव होगा. लेकिन अगर तेल में किसी तरह की मिलावट होगी तो उसमें सफेद धब्बे या जमावट दिखाई देगी. अगर ऐसा हो तो इसका मतलब इसमें पाम ऑयल मिला हो सकता है. पाम ऑयल ठंड में जम जाता हैं. ये बिना किसी केमिकल के अशुद्ध तेल का पता लगाने का आसान तरीका है.
2. रगड़कर टेस्ट: शुद्ध सरसों के तेल की पहचान करने का एक और तरीका रगड़कर परीक्षण है. अपनी हथेली पर कुछ बूंदें तेल की लें और हाथों को आपस में रगड़ें. शुद्ध सरसों के तेल में तेज तीखी खुशबू होनी चाहिए, स्किन पर कोई रंग नहीं छोड़ना चाहिए और तेज गंध के कारण आंखों में हल्की जलन हो सकती है. अगर तेल स्किन पर रंग छोड़ता है या उसमें आर्टिफिशियल गंध आती है, तो ये मिलावटी हो सकता है. ये घर पर सस्ते तेल या सिंथेटिक मिलावट का पता लगाने का आसान तरीका है.
3. नाइट्रिक एसिड टेस्ट: ये सरसों के तेल को टेस्ट करने का एक कैमिकल बेस्ड तरीका है और इसे सावधानी से करना चाहिए. इसे करने के लिए एक साफ कांच के बर्तन में सरसों का तेल और नाइट्रिक एसिड बराबर मात्रा में मिलाएं और धीरे से हिलाएं. देखें कि कलर बदलाव तो नहीं हुआ है. शुद्ध सरसों के तेल में रंग नहीं बदलता, जबकि मिलावटी तेल किसी दूषित पदार्थ के कारण नारंगी-पीले से लाल रंग में बदल सकता है. ये टेस्ट खतरनाक मिलावट का पता लगाने का भरोसेमंद तरीका है.
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