बिना दवा के बस 14 दिन में कंट्रोल हो जाएगा ब्लड शुगर, ये टिप्स कर लें फॉलो

बिना दवा के बस 14 दिन में कंट्रोल हो जाएगा ब्लड शुगर, ये टिप्स कर लें फॉलो


आज की तेज और व्यस्त लाइफस्टाइल में हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज होना आम समस्या बन गई है. अक्सर लोग पौष्टिक भोजन लेने का समय नहीं निकाल पाते और लंबे समय तक बैठे रहने वाली आदत (sedentary lifestyle) ब्लड शुगर बढ़ाने का कारण बनती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, अगर हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल न किया जाए तो यह लंबे समय में दिल और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, नसों में दर्द (neuropathy), किडनी फेल्योर, आंखों और पैरों को नुकसान, और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

शुगर और कार्ब्स को कम करें

पटना स्थित ऑरो सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉक्टर सरवर नियाज का पहला सुझाव है कि चीनी, ब्रेड और सफेद चावल जैसी कार्ब्स को छोड़ दें. 2005 की स्टडी में पाया गया कि लो-कार्ब डाइट से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, वजन कम होता है और इंसुलिन की जरूरत घटती है. हार्वर्ड हेल्थ ब्लॉग के अनुसार, प्रीडायबिटीज के मरीजों में लो-कार्ब डाइट से A1C लेवल जल्दी स्वस्थ सीमा में आ सकता है.

दालचीनी का इस्तेमाल करें

डॉ. सरवर कहते हैं कि रोज़ाना सुबह चाय में एक चुटकी दालचीनी डालें. 2019 की स्टडी में पाया गया कि 1 से 6 ग्राम दालचीनी रोजाना लेने से फास्टिंग ग्लूकोज 18-29 प्रतिशत तक घट सकता है और HbA1c बेहतर हो सकता है.

 सब्जियों वाली सलाद पहले खाएं

फाइबर और पॉलीफेनॉल से भरपूर सब्जियों की सलाद खाने के बाद लो-कार्ब भोजन लेने से भोजन के बाद शुगर लेवल कम होता है. 2023 की स्टडी में पाया गया कि सलाद को पहले खाने से कार्ब्स की अब्जॉर्प्शन धीमी होती है और ब्लड शुगर स्पाइक कम होता है.

 कॉम्प्लेक्स कार्ब्स चुनें

सादा कार्ब्स (white bread, pastries, sugary drinks) जल्दी ग्लूकोज में बदल जाते हैं और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं. इसके बजाय साबुत अनाज, दालें और सब्जियों जैसी कॉम्प्लेक्स कार्ब्स लें, जो धीरे-धीरे ग्लूकोज रिलीज करती हैं और इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर बनाती हैं.

 हर भोजन के बाद 20 मिनट वॉक करें

डॉ. सरवर के अनुसार, खाने के बाद 20-30 मिनट तेज़ चलना ब्लड शुगर स्पाइक को रोकता है और ग्लूकोज कंट्रोल में मदद करता है. 2022 की स्टडी में भी यह साबित हुआ है कि पोस्ट-मील वॉक ग्लूकोज पीक को कम करता है.

 करेला (बिटर गार्ड) का जूस

सप्ताह में तीन बार करेला का जूस पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. 2017 की स्टडी में देखा गया कि Type 2 डायबिटीज के मरीजों में करेला जूस लेने के 90 मिनट बाद शुगर लेवल कम हुआ.

प्राकृतिक स्वीटनर का इस्तेमाल करें

चीनी की जगह स्टेविया या मोंक फ्रूट का इस्तेमाल करें. यह ब्लड शुगर स्पाइक रोकता है और कैलोरी कम होने से वजन भी नियंत्रित रहता है.

 छोटे-छोटे मील्स लें

दिन में तीन बड़े मील्स की बजाय 5-6 छोटे मील्स लें. बड़े मील्स से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता और गिरता है, जिससे थकान और क्रेविंग होती है. छोटे और संतुलित मील्स ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं और इंसुलिन पर दबाव कम करते हैं.

डॉ. सरवर कहते हैं, “अगर यह मदद करता है तो 12 हफ्ते तक जारी रखें. ब्लड शुगर के लिए  डाइट और टाइमिंग. दोनों को ठीक करें, परिणाम दिखेंगे.”

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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