भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. मुंबई की डिंडोशी सेशंस कोर्ट ने उन पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल की ओर से दायर याचिका पर जवाब दाखिल न करने के चलते की गई. कोर्ट ने इससे पहले शॉ को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
पूरा मामला फरवरी 2023 का है, जब मुंबई के अंधेरी इलाके के एक पब में पृथ्वी शॉ और सपना गिल के बीच विवाद हुआ था. गिल का आरोप है कि उनकी एक दोस्त ने शॉ से सेल्फी लेने की मांग की थी, जिसे शॉ ने नकार दिया और फोन छीनकर फेंक दिया. इसके बाद जब सपना गिल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो शॉ और उनके दोस्तों ने मारपीट की और साथ ही छेड़छाड़ के गंभीर आरोप भी लगाए गए.
सपना गिल का कहना है कि घटना के बाद उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. इसके बाद उन्होंने अंधेरी स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर की. अप्रैल 2024 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने माना कि एफआईआर दर्ज करने में देर हुई है, लेकिन आरोप गंभीर हैं, इसलिए मामले की जांच जरूरी है. कोर्ट ने सांताक्रुज पुलिस को आदेश दिया कि वह सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच कर रिपोर्ट पेश करे.
अब सेशंस कोर्ट ने पृथ्वी शॉ के खिलाफ याचिका पर जवाब दाखिल न करने को हल्के में न लेते हुए जुर्माना लगाया है. मामले की अगली सुनवाई में पुलिस की जांच रिपोर्ट अहम साबित होगी.
सपना गिल के वकील ने क्या बताया
सपना गिल का पक्ष रखने वाले एडवोकेट अली काशिफ़ खान देशमुख ने ABP न्यूज़ से बातचीत में कहा कि, “मुंबई की डिंडोशी सेशंस कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में बार-बार जवाब दाखिल न करने के चलते की गई है. सपना गिल ने फरवरी 2023 में मुंबई के अंधेरी स्थित एक पब में शॉ पर छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगाया था.”
देशमुख ने आगे कहा कि, कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा कि शॉ को कई बार समन भेजा गया और उनके वकील भी कई तारीखों पर अदालत में मौजूद रहे, इसके बावजूद अब तक जवाब दाखिल नहीं किया गया और सिर्फ समय ही मांगा जा रहा है.
कब होगी अगली सुनवाई
देशमुख ने कहा कि यह शॉ की सामान्य रणनीति है कि सुनवाई को लगातार टाला जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि शॉ के पास अपने आचरण और कदाचार को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं है. मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.