varun grover early struggles fake fan letters ghostwriting | वरुण ग्रोवर ने स्मृति ईरानी को लिखा फेक फैन लेटर: पूछा था- क्या ‘तुलसी विरानी’ को खिचड़ी पसंद है? एक्ट्रेस ने ईमानदारी से दिया था जवाब

varun grover early struggles fake fan letters ghostwriting | वरुण ग्रोवर ने स्मृति ईरानी को लिखा फेक फैन लेटर: पूछा था- क्या ‘तुलसी विरानी’ को खिचड़ी पसंद है? एक्ट्रेस ने ईमानदारी से दिया था जवाब


29 मिनट पहले

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गीतकार और स्टैंड-अप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने हाल ही में अपने करियर के शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक शो के लिए कई फेक फैन लेटर लिखे थे।

स्क्रोल को दिए एक इंटरव्यू में वरुण ने बताया कि करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने स्टार प्लस के शो ‘परदे के पीछे’ के लिए घोस्ट राइटिंग की थी। इस शो में एंकर फैन लेटर पढ़ते थे, लेकिन ज्यादातर लेटर असली फैंस के नहीं होते थे। उन्हें और उनके साथी राहुल पटेल को ही वे सारे लेटर लिखने पड़ते थे।

वरुण ने कहा, “मुंबई में लिखने का काम मिलना आसान है, लेकिन स्क्रीन राइटर के तौर पर नाम और अच्छा पैसा पाना मुश्किल है। इसमें समय लगता है। कोई भी फ्री में एक्टर नहीं बनता, लेकिन राइटर फ्री में बन सकता है क्योंकि लोगों को लगता है कि कोई भी लिख सकता है।”

बता दें कि वरुण का काम सिर्फ लेटर लिखने तक ही नहीं था। वे लोग एंकर के जवाब भी तैयार करते थे, जो ऑन-एयर पढ़े जाते थे। वरुण ने बताया, “हम ज्यादातर लेटर खुद ही लिखते थे। जवाब भी हम ही लिखते थे। एंकर कहता कि ये लेटर अहमदाबाद के किसी फैन ने भेजा है।”

हाल ही में वरुण ने फिल्म 'ऑल इंडिया रैंक' से निर्देशन भी शुरू किया है।

हाल ही में वरुण ने फिल्म ‘ऑल इंडिया रैंक’ से निर्देशन भी शुरू किया है।

इस दौरान एक मजेदार वाकया भी हुआ। एक लेटर में पूछा गया कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की तुलसी विरानी यानी स्मृति ईरानी को सच में खिचड़ी उतनी ही पसंद है जितनी शो में दिखाई जाती है। इस सवाल पर कैमरा क्रू स्मृति तक गया और उन्होंने पूरे मन से जवाब दिया। वरुण ने कहा, “वो बहुत ईमानदारी से जवाब देती थीं।”

बता दें कि इतने काम के बदले वरुण और उनके साथी को बहुत कम पैसे मिलते थे। उन्हें प्रति एपिसोड सिर्फ 2500 रुपए मिलते थे। यानी दोनों को मिलकर प्रति एपिसोड 1250 रुपए। महीने के चार एपिसोड मिलाकर कुल 5000 रुपए मिलते थे।

वहीं, शो के आधिकारिक राइटर को 15,000 रुपए प्रति एपिसोड दिए जाते थे। वरुण ने कहा, “हमने उनसे कहा कि कम से कम 3000 रुपए दो ताकि हमें थोड़ा सम्मान महसूस हो, लेकिन उन्होंने कभी नहीं माना।”

करीब एक साल तक वरुण ने घोस्ट राइटिंग की। इसके बाद 2004 में उन्हें कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इंडियन’ में बतौर लेखक पहचान मिली। फिर उन्होंने कई कॉमेडी शो किए, जिनमें सब का भेजा फ्राई, रणवीर विनय और कौन?, ओए! इट्स फ्राइडे! और 2008 में सलमान खान का शो 10 का दम शामिल रहा।

2015 में वरुण ग्रोवर ने फिल्म 'मसान' लिखी थी।

2015 में वरुण ग्रोवर ने फिल्म ‘मसान’ लिखी थी।

वरुण ने धीरे-धीरे फिल्मों के लिए भी काम करना शुरू किया। वरुण ग्रोवर ने घूम (2006) और एक्सीडेंट ऑन हिल रोड (2009) के लिए डायलॉग लिखे। इसके बाद उन्होंने दैट गर्ल इन येलो बूट्स (2011), पैडलर्स और गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) जैसी फिल्मों के लिए गीतकार के रूप में पहचान बनाई।

वरुण ग्रोवर को 2016 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उन्हें फिल्म ‘दम लगाके हईशा’ के गाने ‘मोह मोह के धागे’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का अवॉर्ड मिला था।

इसके अलावा ‘उड़ता पंजाब’, ‘न्यूटन’, ‘सुई धागा’ और ‘सोनचिरैया’ जैसे प्रोजेक्ट्स में उनके गाने चर्चित रहे।

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