Producer Abhishek Agarwal spoke on the protest against ‘The Bengal Files’ | ‘द बंगाल फाइल्स’ के विरोध पर प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल बोले: अब तो धमकियों की आदत हो गई है, टूट कर इंडस्ट्री में आया हूं

Producer Abhishek Agarwal spoke on the protest against ‘The Bengal Files’ | ‘द बंगाल फाइल्स’ के विरोध पर प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल बोले: अब तो धमकियों की आदत हो गई है, टूट कर इंडस्ट्री में आया हूं


4 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ काफी विवादों में है। खास करके इस फिल्म का पश्चिम बंगाल में काफी विरोध हो रहा है। बावजूद इसके यह फिल्म 5 सितंबर को रिलीज हो रही है। हाल ही में इस फिल्म को लेकर अभिषेक अग्रवाल ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। प्रोड्यूसर ने बताया कि अब तो धमकियों की आदत हो गई है, लेकिन हम सच्चाई दिखाने से नहीं डरते हैं। पेश है अभिषेक अग्रवाल से हुई बातचीत के कुछ खास अंश..

आप बिजनेस बैकग्राउंड से आते हैं, फिर फिल्म इंडस्ट्री में आने का ख्याल कैसे आया? परिवार का क्या रिएक्शन था?

मैं मारवाड़ी परिवार से हूं, जहां इस फील्ड से कोई भी जुड़ा नहीं था। मैंने अपनी पहली शुरुआत एक तेलुगू फिल्म ‘गोणाचार्य’ से की, फिर निखिल के साथ ‘क्रैक पार्टी’ की। उसी दौरान कलाम साहब पर फिल्म बनाने का विचार आया और मुंबई आना-जाना शुरू हुआ। वहीं मेरी मुलाकात डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री से हुई। कश्मीर को लेकर हमारी सोच एक जैसी थी और इसी तालमेल के चलते ‘द कश्मीर फाइल्स’ बनी।

विवेक अग्निहोत्री को उनकी फिल्मों के चलते विरोध और धमकियों का सामना करना पड़ता है। क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ?

‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज हो या अब ‘द बंगाल फाइल्स’, आपने देखा होगा किस तरह की अड़चनें आती हैं। अब तो इन सबकी आदत हो गई है। हां, घरवाले जरूर चिंतित रहते हैं, खासकर मेरी मां, जो फिल्म के दौरान हर घंटे मुझे फोन कर अपडेट लेती थीं। विवेक जी खुद बहुत बॉल्ड इंसान हैं जैसे हम सब जानते है, कश्मीर फाइल्स हो या ताशकंद, उन्होंने खुद को पूरी तरह झोंक दिया था। हम सच्चाई दिखाने से नहीं डरते। और अगर किसी को लगता है हम गलत दिखा रहे हैं, तो वो फिर सच दिखाएं किसने रोका है?

कुछ आलोचक कहते हैं कि आप सिर्फ उन फिल्मों को सपोर्ट करते हैं, जो समाज में दरार पैदा करती हैं। इस पर क्या कहेंगे?

क्या अपने ही भाइयों का दर्द दिखाना समाज में दरार डालना है? कश्मीरियों की पीड़ा पर कोई बात नहीं करना चाहता। हम कर रहे हैं, तो हमें गलत ठहराया जा रहा है। मैं तो इस इंडस्ट्री का हिस्सा भी नहीं था, मुझे काम करते हुए सिर्फ 5-6 साल हुए हैं। अब तक ये मुद्दे क्यों चुप थे? शायद भगवान ने ही मुझे ये काम सौंपा कि मैं सच्चाई सबके सामने लाऊं।

फिल्म इंडस्ट्री से भी आपकी आलोचना होती है। कहा जाता है कि ‘कश्मीर फाइल्स’ से तो कमाई हुई, लेकिन आपने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया?

मैं ऐसे सवालों पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। अगर मैं बोलूं तो ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने ‘दंगल’ और तमाम पॉलिटिकल या स्पोर्ट्स फिल्मों से कमाई की है। सबको सिर्फ कमाई दिखती है, लेकिन फिल्म बनाने के रिस्क कोई नहीं देखता। अगर किसी फिल्म से नुकसान हो, या परिवार को खतरा हो जाए उस समय कौन साथ खड़ा होता है?

दर्शक ‘इंडिया हाउस’ और कलाम साहब पर बन रही फिल्म को लेकर उत्सुक हैं। इनके अपडेट्स क्या हैं?

‘इंडिया हाउस’ लगभग 35% शूट हो चुकी है और 3-4 महीनों में इसकी शूटिंग पूरी हो जाएगी। इस पर पिछले 3 सालों से रिसर्च हो रही थी, इसलिए समय लगा। वहीं, कलाम जी पर बन रही फिल्म को हमने ‘कान्स’ फिल्म फेस्टिवल में अनाउंस किया है और 2026 तक इसे रिलीज करने का प्लान है। मेरा सपना था कि कलाम जी को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लाऊं और मुझे खुशी है कि मैं ये कर पाया।

आपने ‘कार्तिकेय 2’ और ‘महा अवतार नरसिम्हा’ जैसी सनातन आधारित हिट फिल्में बनाई हैं। क्या सनातन पर और फिल्में आएंगी?

देश और धर्म के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं। मेरे दिल-दिमाग में यही बसा है। ‘कार्तिकेय 2’ से मैंने लोगों तक यही संदेश पहुंचाने की कोशिश की कि ये सिर्फ माइथोलॉजी नहीं, हमारे पूर्वजों की सच्ची कहानियां हैं। हमारी रिसर्च टीम अगली फिल्मों पर काम कर रही है, उन्हें जल्द अनाउंस किया जाएगा।

आपको अपनी फिल्मों पर अब तक सबसे बेहतरीन कॉम्प्लिमेंट क्या मिला?

‘कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज से पहले एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कश्मीरी पंडितों से बात हो रही थी। उसी कॉन्फ्रेंस में शामिल दिल्ली की एक लड़की मेरा पता पूछते-पूछते मेरे हैदराबाद के ऑफिस आ गई। मैं बाहर निकल रहा था, उसने मेरा हाथ पकड़ कर कहा कि मैं सिर्फ आपको थैंक्यू बोलने आई हूं। वह 10 मिनट तक लगातार रोती रही और बोली कि जो दर्द किसी ने नहीं दिखाया, वो आपने दिखाया। आपने मरहम लगाने का काम किया है। उस पल मुझे लगा कि मैंने उन लोगों के दबे हुए आंसुओं को बाहर लाने में मदद की। यही मेरी सबसे बड़ी सफलता है। उस दिन मैं पूरी रात सो भी सका।

आपके फिल्मी करियर में अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज क्या रहा?

सबसे बड़ी चुनौती घरवालों को समझाना था कि फिल्म इंडस्ट्री में जाना चाहता हूं। उन्होंने शुरुआत में काफी विरोध किया, क्योंकि मैं एक बुरा दौर देख चुका था। ‘कश्मीर फाइल्स’ से पहले मैंने एक फिल्म प्रोड्यूस की थी, वह फ्लॉप हो गई थी। मैं टूट गया था। तभी मेरे छोटे बेटे ने मेरा हौसला बढ़ाया और उसके एक हफ्ते के बाद ‘कश्मीर फाइल्स’ मेरे जीवन में आ गई।

‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर क्या कहेंगे?

मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि प्यार बनाए रखें। अगर हमसे कोई गलती हो गई हो, तो माफ करिए। हमारा उद्देश्य सिर्फ सच्चाई दिखाना है, इसके सिवाय कुछ नहीं।



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